
एक ज़माने के बिहार के राजनीतिक जंगल के शेर लालू यादव के बेटे को डर है कि उनकी ह्त्या हो सकती है.
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजप्रताप यादव ने सुशासन बाबू के प्रदेश में सुशासन की दुर्गति की तरफ संकेत किया है. तेजप्रताप का मानना है कि राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति बड़ी बुरी है और इसीलिये उनको डर है कि कोई उनकी हत्या न कर दे.
तेजप्रताप ने अपने भय के भाव को शब्द देते हुए कहा कि प्रदेश में चारों और आतंक का साम्राज्य है. ऐसे में कोई भी किसी को मार सकता है, बॉडीगार्ड के होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारे जनता-दरबार में भी कोई कभी भी बम फेंक कर जा सकता है!
राजद नेता तेजप्रताप यहीं नहीं रुके. उन्होंने नितीश सरकार पर सोते रहने का आरोप भी जड़ दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध का ग्राफ बड़ी तेजी से बढ़ा है. सरकार गहरी नींद में सोयी हुई है. यदि सरकार अब जाग भी जाये तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. वैसे भी ये सरकार तो अब जाने वाली है. अब राजद का लालटेन हाईटेक होने वाला है और उसमें एलईडी लगने वाली है!
कल 2 जनवरी को पटना में तेजप्रताप ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अपने डर का खुलासा किया. पार्टी कार्यालय में जनता दरबार के दौरान तेजप्रताप ने मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की.
यद्यपि यह किसी से नहीं छुपा है कि तेजप्रताप यादव ने धूल में लट्ठ मार कर एक तीर से तीन निशाने लगाने की कोशिश की है. बिहार की कानून व्यवस्था की बदहाली से कौन अपरिचित है, फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि तेजप्रताप को भी नसीरुद्दीन की तरह डर लगने लगा. हां, इस तरह उन्होंने एक तो नीतिश कुमार पर कुशासन के आरोप का अवसर पा लिया है, दूसरा अपने लिये सुरक्षा की माँग कर डाली है और तीसरा बैठे-बिठाये मीडिया लाइम-लाइट पाने का प्रयास भी कर डाला है.
(इन्द्रनील त्रिपाठी)