
जब हम खुद ही जीतना नहीं चाहेंगे तो कौन जितायेगा हमको !!..
करोड़ों भारतीयों का दिल टूटा भारत की हार से. उम्मीद थी कि भारत फाइनल खेलेगा और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को दुबारा हरा कर विश्वकप भारत लाएगा. पर ऐसा नहीं हो सका. और उसकी वजह भारत स्वयं था.
आईसीसी महिला विश्व टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट से हार के साथ ही भारतीय महिला टीम का अभियान समाप्त हुआ और इसकी वजह थी विश्व कीर्तिमान धारक मिताली राज का बाहर बैठना. मिताली बाहर थीं क्योंकि उनको नहीं खिलाया गया और भारत ने इंग्लैण्ड के आगे घुटने टेक दिए.
वेस्ट इंडीज़ में चल रहे विश्व कप के दूसरे सेमीफ़ाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की, जो कि बिलकुल भी अच्छी नहीं रही और गिरते पड़ते 113 रनों का लक्ष्य रख सकी भारतीय टीम अंग्रेज़ों के सामने. अंग्रेजी टीम ने इस लक्ष्य को 17.1 ओवर में दो विकेट खोकर ही हासिल कर लिया.
इंग्लैंड के लिए विकेटकीपर एमी एलेन जोंस के नाबाद 51 रन और नताली स्काइवर के नाबाद 54 रन इस जीत का ठोस आधार बने . दोनों ने मिल कर तीसरे विकेट के लिए नाबाद 92 रन जोड़े और भारतीय गेंदबाज़ों को नाकाम कर डाला.
और इस तरह पहली बार महिला विश्व टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट के फ़ाइनल में पहुंचने का भारत का सपना बिखर गया. इसके पहले भी वीमेन इन ब्लू वर्ष 2009 और 2010 में भी विश्वकप के सेमीफ़ाइनल तक पहुंची थीं पर उससे आगे नहीं बढ़ पाईं थीं.
मैच की शुरुआत तो अच्छी ही थी क्योंकि टॉस भारत ने जीता था और बल्लेबाज़ी का फैसला किया था. लेकिन बल्लेबाज़ी बिलकुल स्तरीय न हो सकी और पूरी टीम 112 रनों पर पैवेलियन लौट गई.
कप्तान हरमनप्रीत कौर, जेमिमा रॉड्रिग्स, स्मृति मंधाना और युवा तान्या भाटिया वे चेहरे थे जिनसे सभी को बड़े स्कोर की अपेक्षा थी किन्तु वे भी नाकाम ही रहीं . भारतीय टीम तो पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल सकी और 19.3 ओवरों में ही आलआउट हो गई.
(इन्दिरा राय)