
क्या “गठबंधन” हुआ है नफरत करने वालों में –जो एक दूसरे की शक्ल नहीं देखते थे, वो आज -“तू मेरा चाँद मैं तेरी चांदनी” बन गए ..
बसपा और सपा गठबंधन एक जीता जागता नमूना है जो साबित करता है कि चारो तरफ देश के चौकीदार मोदी के कारण भगदड़ मची हुई है और चौकीदार-विरोधियों में एका केवल इसलिए हो रहा है जिससे “चौकीदार” को हटाया जा सके — बस चौकीदार के हाथ इनकी तिजोरी तक ना पहुंचे बेशक गठबंधन में शामिल मायावती की इज्जत तक दूसरे गठबंदी के हाथ पहुँच जाएँ .
मायावती वो 2 जून 1995 के उस भयानक काण्ड को भूल गईं और बड़े फक्र से कह रही हैं कि हम सपा के गुंडो के कारनामे भूल गए -एक स्त्री को अपनी इज़्ज़त सबसे प्यारी होती है –महाभारत में दुर्योधन, दुःशासन और कर्ण ने जो द्रौपदी की इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ किया, उसे वो कभी नहीं भूली और उस अपमान को उसने अपना शस्त्र बना कर बदला लिया. और उस प्रतिशोध में सभी खलनायक नेस्तोनाबूद हो गये.
द्रौपदी ने प्रतिशोध की अग्नि को तब तक नहीं बुझने दिया जब तक प्रतिशोध ले नहीं लिया गया. मगर यहाँ तो मायावती ने अपने साथ किये गए अपमान को भुला दिया और उस शहीद ब्रह्मदत्त द्विवेदी को भी भुला दिया जिसने उसकी इज़्ज़त की रक्षा की.
आज मीडिया इस गठबंधन को ऐसा प्रोजेक्ट कर रहा है जैसे ये मोदी को हराने में सफल हो ही जायेगा. याद कीजिये उत्तरप्रदेश के 2017 के चुनावों में अखिलेश यादव और राहुल गाँधी के गठबंधन को भी ऐसे ही प्रोजेक्ट कर उसे बहुमत दिया था. युवा जोड़ी कह कह कर चारों तरफ मीडिया ने उन दोनों की जयजयकार की — मायावती की बसपा अलग लड़ी — नतीजा क्या हुआ – सपा को मिली 47 सीट, कांग्रेस को केवल 7 और बसपा को 19 जबकि भाजपा को मिली 312 सीटें. अबकी बार सपा और बसपा एक हो गए और दोनो ने कांग्रेस को धता बता दी.
कांग्रेस अब खीज मिटाने के लिए कह रही हैं कि वो सभी 80 सीटों पर लड़ेेगी.वो 3 राज्यों में जीत कर अति उत्साहित हैं मगर ये नहीं भूलना चाहिए कि उन 3 राज्यों के बाद परिस्तिथियाँ बदल गई है –सवर्ण समाज जो पहले भाजपा से रुष्ट था वो अब नहीं होगा –और कांग्रेस ने क्या गुल खिलाये हैं 3 राज्यों में, सब देख रहे हैं खासकर किसानों की यूरिया के लिए लाइने और लाठियां.
कांग्रेस को ये भी नहीं भूलना चाहिए उन 3 राज्यों में सपा और बसपा न के बराबर थे जबकि उत्तर प्रदेश में वो कांग्रेस से तो बहुत आगे है -कांग्रेस को सपा के साथ रह कर विधान सभा में केवल 7 सात सीट मिली तो अब अकेले रह कर क्या मिलेगा ? माँ बेटे भी अपनी सीट बचा पाएंगे क्या ? मुझे लगता है कांग्रेस गठबंधन करेगी CPI, CPM और अजित सिंह की RLD से जिसे माया -अखिलेश ने 2 सीट दी हैं.
देश-प्रदेश को यह चिन्ता भी सता सकती है कि जब बसपा सपा का गठबंधन फेल होगा तब कहीं फिर से एक नया गेस्ट हाउस काण्ड देखने को न मिले..
(सुभाष चन्द्र) 14/जनवरी/2019