
सिर्फ सर्दी जुखाम ही नहीं, कई तरह के लाभ हैं जल-नेति के..
नेति अर्थात नाक से की जाने वाली गतिविधि. यह मुश्किल नहीं होती लेकिन पहली बार करने वालों के लिए इतनी आसान भी नहीं. बस ज़रा सा अभ्यास कीजिये, फिर कोई मुश्किल नहीं.
दो प्रकार से की जाती है या इसको ऐसे कहें कि नेति के दो प्रकार होते हैं – जल नेति और सूत्र नेति. इन दोनों में अपेक्षाकृतआसान है जल नेति. जल नेति जल से की जाती है और सूत्र नेति डोरे से या भीगी सफ़ेद धोती की पतली पट्टी को मोड़ कर बने धागे से की जाती है. ध्यान रखें, यहां हम पुरुषों वाली सफेद सूती धोती की बात कर रहे हैं.
जल नेति के लिए एक स्टील का विशेष पात्र बाज़ार में आता है. स्टील के इस लोटे की एक लम्बी नाक निकली होती है. इससे ही नेति की जाती है. इस नेति-पात्र, को हलके गरम नमकीन पानी से भर लें. ध्यान रखें पानी का तापमान सहनीय हो. कारण ये है कि नाक के भीतर हमारी स्किन बहुत मसृण अर्थात मुलायम होती है.
इसलिए पानी का तापमान 38-40 सेन्टीग्रेड के आसपास रखें. नेतिपात्र में जितना पानी आ जाए उतने पानी में चौथाई चम्मच से भी कम नमक मिला लें. वाशबेसिन में जा कर नीतिपात्र की चोंच एक नाक में डालें और नाक के दूसरे नथुने की तरफ से सर को थोड़ा झुका लें. इससे पानी धीरे धीरे आपके एक नथुने से होते हुए दुसरे नथुने में जा कर बाहर आने लगता है.
पहली बार में शायद आपसे न हो, किन्तु दो चार बार कर लेने के बाद आपके लिए आसान हो जाएगा. इसमें थोड़ी थोड़ी देर में नथुनों में अदला-बदली कर लें. एक नथुने से आधा लोटा पानी और फिर बाकी आधा लोटा दूसरे नथुने से डालें. आपको सांस लेने में समस्या न हो इसलिए मुँह खोले रखें और आराम से धीरे धीरे सांस लेते रहें.
इसके बाद नाक के शुद्धिकरण को पूर्ण करने के लिए एक नथुने को बंद करके दूसरे नथुने से 4-5 बार हर नथुने से जोर से सांस बाहर निकालें. यह क्रिया आप इस तरह करें जैसे आप नाक साफ कर रहे हों. इस दौरान मुँह खुला रखना न भूलें ताकि पानी कान में न जाए.
यदि आप नेति नित्य पांच मिनट के आस-पास करते हैं तो आपको इसके कई लाभ अनुभव होंगे. सबसे पहले तो आपका रोज़ाना का सर्दी जुखाम अंतर्ध्यान हो जायेगा. दूसरा सिर की सभी इन्द्रियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव आप देखेंगे. आपकी नेत्र-ज्योति पुष्ट होगी और आपकी थकी-मांदी आंखों को आराम मिलेगा.
आज के दौर में जब हम सभी कम्प्यूटर पर घंटों काम करते हैं तब नेति हमारे लिए अत्यंत उपयोगी है. नेति से सर दर्द भी दूर हो जाता है. साथ ही यह स्मरण शक्ति और एकाग्रता को भी बढ़ाती है. यह नाक के भीतर की हर समस्या का समाधान है. आपको सर में ठंडक नहीं पैदा होगी और साइनस या साइनोसाइटिस नहीं होगा. साँस से होने वाली एलर्जी भी नेति से दूर होती है.
(रजनी साहनी)