
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत आजाद ने सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गावे पर हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे “लोकतंत्र पर हमला” और “संविधान का अपमान” बताया। वकील ने कहा कि प्रमाणिकता की गरिमा बनाए रखना हर भारतीय का कर्तव्य है। इस घटना के विरोध में फ़्रॉस्टीपार्टी पार्टी मित्र (सपा) ने छत्रपति संभाजीनगर में प्रदर्शन किया। पार्टी के नेता रोहित राइटर ने कहा कि यह सीधे तौर पर संविधान और लोकतंत्र पर हमला है।
उल्लेखनीय है कि 6 अक्टूबर को दिल्ली के वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका था। किशोर ने आरोप लगाया कि गवई के छात्रावास से उनके धार्मिक अवशेष गायब हो गए। इस घटना के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने टीनएजियन वाइज़ के अनुपूरक प्रभाव को निलंबित कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा करते हुए “हर भारतीय को चोट पहुंचाने वाला” बताया। उन्होंने शांति की शांति और संयम के डॉक्टर की बात कही और कहा कि ऐसे काम हमारे समाज में नहीं हैं।
कांग्रेस, कैथोलिक कांग्रेस, कम्युनिस्ट, और अन्य चर्च चर्चों ने भी इस पर हमले की निंदा की है, इसे संविधान और संवैधानिक गरिमा पर हमला बताया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे “संविधान पर हमला” कहा और राहुल गांधी ने “न्यायपालिका की गरिमा पर हमला” कहा।
इस घटना में दस्तावेज़ी स्वतंत्रता और संविधान की गरिमा की रक्षा के महत्व को फिर से उजागर किया गया है।