
आज की तेज-तर्रार जिंदगी में तनाव हर किसी के जीवन का हिस्सा बन गया है। काम का दबाव, नींद की कमी और डिजिटल स्क्रीन पर अधिकतम समय मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हाल ही में एक हार्वर्ड-प्रशिक्षित मास्टरमाइंड विशेषज्ञ ने खुलासा किया है कि दैनिक तनाव को कम करने के लिए सबसे प्रभावशाली परिवर्तन “नींद का समय” (लगातार नींद का समय) अपनाना है।
विशेषज्ञ के अनुसार, जब हम हर दिन एक ही समय पर सोते और जागते हैं, तो मस्तिष्क का बायोलॉजिकल क्लॉक (सर्कैडियन रिदम) स्थिर रहता है। इससे न केवल तनाव का स्तर घटता है, बल्कि एकाग्रता, स्मरण शक्ति और संपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
डॉ. अदतिया का कहना है- सुबह का समय ही मानसिक संतुलन की असली कुंजी है
हार्वर्ड-प्रशिक्षित मस्तिष्क विशेषज्ञ डॉ. अदतिया ने बताया कि मानसिक शांति और तनाव-नियंत्रण की शुरुआत सुबह से होती है। उनका मानना है कि अगर आप सुबह अपनी दुकान कर लेते हैं, तो आपको मंदी का तनाव कम हो जाता है।
उन्होंने कहा-
“सुबह देर से उठना, दौड़ भाग में सीधे पर निकलना सही तरीका नहीं है। जब आपकी गहरी नींद (डेल्टा स्थिति) से अचानक दिमाग की तेज गतिविधि (बीटा स्थिति) में जाती है, तो तनाव और मोटापा बढ़ जाता है। इसके बजाय, धीरे-धीरे नींद और गति स्थिति में प्रवेश करें। सुबह देर से उठने के बाद कुछ मिनट शांत बैठें, गहरी नींद और श्वास-प्रश्वास की तकनीकें। इसमें ऑटोनॉमिक मैटीरियल बनाया जाता है और तनाव कम होता है।”
जब हम गहरी नींद में सोते हैं तो तुरंत भाग दौड़ में कूद पड़ते हैं, तब दिमाग में क्या होता है?
वैज्ञानिक मनोचिकित्सक गुरलीन बरुआ का कहना है कि सुबह की नींद हमारे शरीर से बाहर निकलती है और अब भी गहरी नींद की स्थिति से बाहर निकल रही है। इस समय, शरीर में पहले से ही कोर्टिसोल (कोर्टिसोल) – जिसे स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है – ऊँचे स्तर पर होता है, ताकि हमें सावधान और जाग्रत किया जा सके।
लेकिन समस्या यह है कि जब हम अचानक ईमेल, ब्लॉग या घरेलू कंपनियों में शामिल हो जाते हैं। ऐसा करने से हमारे नर्वस सिस्टम को 0 से 100 की स्पीड पर लॉन्च किया जाता है।
इसका असर क्या होता है?
- दिमाग को नियमित करने का समय नहीं → विकलांगता बढ़ती है।
- थकान और चिड़चिड़ापन → ऊर्जा में कमी के बजाय, शरीर और मस्तिष्क में थकान महसूस होती है।
- ब्रेन फॉग (ब्रेन फॉग) → ध्यान केंद्रित करना और साक्षा अवलोकन में मुश्किल होती है।
- चिंता का स्तर बढ़ जाता है → पूरे दिन तनाव बना रह सकता है।
अल्फ़ा कोटा स्टेट क्या हैं, और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे अपनाएं?
डॉ. आदत के अनुसार, सुबह की नींद ही दिमाग को सीधी गहरी नींद (डेल्टा स्टेट) से तेज़ सक्रिय अवस्था (बीटा स्टेट) में ताज़ा तनाव और बढ़ा सकती है। इसके बजाय हमें धीरे-धीरे-दीरा अल्फा और थीटा राज्य में प्रवेश करना चाहिए। अल्फ़ा स्टेट वह स्थिति है जब हम आरामदायक और शांत होते हैं, लेकिन पूरी तरह से जाग्रत रहते हैं। इस अवस्था में मस्तिष्क अधिक तनाव, फोकस और तनावमुक्त रहता है। विंटेज आर्किटेक्चर, गहरी सांसें लेना या कुछ मिनट ध्यान करना अल्फ़ा स्टेट को आधिकारिक तौर पर करने का सरल तरीका है।
थट्टा स्टेट और भी गंभीर रिलेक्सेशन का अनुभव कराता है। इसे गहरी नींद या गंभीर ध्यान की स्थिति के रूप में समझा जा सकता है। इस स्तर में ब्रेन की स्केल (इंटरनेशनल), बैलेंस बैलेंस और फ्रोजन सोच बेहतर है। व्हिटा स्टेट को सलाह दी जाती है कि सुबह या शाम को ध्यान, चिकित्सा पर्यटन या प्रकृति में शांत समय पर प्रभावशाली प्रभाव डाला जा सकता है।
आम व्यक्ति के लिए इन स्टेट्स को समझने का आसान तरीका यह है कि जब भी आप खुद को शांत, आरामदायक और सुविधाजनक महसूस करें, तो मन बना लें कि आपका दिमाग अल्फ था या स्टेट्स में है। सुबह की शुरुआत अगर स्थितियों से की जाए, तो पूरे दिन की मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा में उल्लेखनीय सुधार देखा जा सकता है।
5-10 मिनट में तनाव कम करने वाली आसान ब्रीडिंग और माइंडफुलनेस तकनीक
अगर आपके पास ज्यादा समय नहीं है, तो आप भी बस 5 से 10 मिनट में अपने दिमाग और शरीर को रिलेक्स कर सकते हैं। विशेषज्ञ के अनुसार, कुछ आसान ब्रीडिंग और माइंडफुलनेस तकनीकें तनाव कम करने और मानसिक संतुलन बढ़ाने में बेहद प्रभावशाली होती हैं। उदाहरण के लिए, गहरी सांस लेने का सबसे आसान तरीका है। आराम से अंत बंद करें, नाक से धीरे-धीरे-धीमी गहराई में सांस लें, कुछ सेकंड रोकें और फिर धीरे-धीरे-धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। इसी तरह की “4-7-8 ब्रीडिंग” तकनीक भी बहुत मददगार है, जिसमें 4 सेकंड तक सांस अंदर लेना, 7 सेकंड तक आराम और 8 सेकंड में शामिल होना शामिल है।
माइंडफुलनेस के लिए आप “बॉडी स्कैन” कर सकते हैं, जिसमें सिर से पांव तक शरीर के हर हिस्से पर ध्यान देना उसे महसूस करना शामिल है। अगर समय बहुत कम हो तो “माइक्रो मेडिटेशन” करें—बस अपने सांसों पर ध्यान दें और आने वाले विचारों को बिना पढ़े-लिखें। इसके अलावा, “बेसबलिंग बेस” (5-4-3-2-1) भी तनाव को तुरंत कम करता है। इसमें आप पाँचवीं वस्तुएँ देखें, चार वस्तुएँ खोजें, तीन वस्तुएँ देखें, दो हशबुएँ पहचानें और एक स्वाद नोट करें। ये छोटे-छोटे अभ्यास न सिर्फ दिमाग को शांत करते हैं, बल्कि शरीर को भी लंबे समय तक बनाए रखते हैं, और कहीं भी, कभी-कभी भी कहा जा सकता है।

डिस्कलेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और शुरुआत के लिए है। यह किसी भी प्रकार की स्ट्रॉबेरी की सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। प्रबंधन या किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए किसी भी नए तनाव अभ्यास को शुरू करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक या उपयुक्त स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लें।