महायुद्ध की बात. युद्ध तो है रूस और यूक्रेन के बीच का लेकिन अब ये महायुद्ध में तब्दील गया क्योंकि इस युद्ध का विस्तार इतना हो गया कि इसे सिर्फ युद्ध कहना कम होगा. इस महायुद्ध की आग को बुझाने की कोशिशें तो चल रही हैं पर उनमे अब तक कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है. कल शाम के बाद से हुए कुछ डेवलपमेंट जो संकेत कर रहे हैं उससे युद्ध की स्थिति और बिगड़ने की आशंका पैदा हो रही है.
इस्तांबुल में कल तुर्की के राष्ट्रपति की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों की बात भी हुई है जहां यूक्रेन ने अपने अहम को कम करके शांति के लिए अपने ईमानदार झुकाव को कुछ सीमा तक प्रदर्शित तो किया लेकिन ये कोशिश भी बहुत सफल नहीं रही. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि हमारी रूस के साथ शांति वार्ता जारी है लेकिन फिलहाल कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.
आज रूस-यूक्रेन युद्ध का छत्तीसवाँ दिन है. हाल में हुई दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की इस्तांबुल में मुलाकात कुछ सीमा तक सफल रही थी जिसमे कीव और चेर्निहीव पर हमले कम करने को लेकर सहमति बनी थी. लेकिन, चेर्निहीव के मेयर ने बताया है कि रूस ने अपने वादे के बाद भी शहर पर हमले कम नहीं किए हैं. उधर ब्रिटेन ने भी यही दावा किया है और कहा है कि रूस ने अपने सैनिकों को केवल फिर से व्यवस्थित करने के लिए वापस बुलाया था. इसी दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर वार्ता की है.
एक तरफ शांति वार्ता चल रही है दूसरी तरफ युद्ध चल रहा है. एक तरफ युद्ध को रोकने के वायदे किये जा रहे हैं तो दूसरी तरफ धमाकों का शोर बरकरार है. एक तरफ दिखाया ये जा रहा है कि नेता शान्ति चाहते हैं और उसके लिए प्रयास कर रहे हैं तो एक तरफ नेता युद्ध को आगे बढ़ाने की कोशिशें करते भी नज़र आ रहे हैं.
पुतिन ने वार्ता के एक दिन पहले कहा था कि यूक्रेन को बर्बाद कर दूंगा और उसके अगले दिन जेलेंस्की ने युद्ध के समापन की तरफ अपनी दिलचस्पी दिखाई थी परन्तु जब बातचीत हुई तो बेनतीजा निकली क्योंकि बातचीत में युद्ध के समापन की तरफ वास्तविक दिलचस्पी नहीं दिखाई गई. नतीजा ये रहा कि यूक्रेन में रूस बमबारी लगातार जारी है.
उधर जेलेंस्की ने भी एक टेलेविज़न भाषण में वक्तव्य दिया है कि रूस के साथ शांति वार्ता जारी है “लेकिन ये बातचीत अभी सिर्फ शब्द हैं, इनमें कुछ भी ठोस नहीं है.” इतना ही नहीं जेलेंस्की ने यह भी कहा कि यूक्रेन डोनबास पर रूसी हमलों पर जवाब देने की तैयारी कर रहा है. इस तरह के बयान बता रहे हैं कि वास्तविक रूप से शांति की दिशा में प्रयास हो ही नहीं रहे हैं. और ये युद्ध इस कारण ही इतना अधिक खिंचता चला जा रहा है.
चौबीस फरवरी 2022 से शुरू हुए इस युद्ध में अब तक साढ़े छह हज़ार से ज्यादा नागरिकों की मौत की जानकारी दी जा रही है वहीं तीन हज़ार से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही जा रही है जो वास्तविकता से कहीं बहुत कम नज़र आ रही है. और जितने सैनिक रूस की तरफ से मरे हैं उनकी भी सही जानकारी निकल कर सामने नहीं आ रही है.