
देश भर में बच्चों की जान से खिलवाड़ नहीं होगा- केंद्र सरकार ने ये बात कही है. हाल ही में मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों से ऐसी खबरें आईं कि कुछ कफ सिरप के सेवन से लेकर मासूम बच्चों के बारे में बताया गया है। इन औषधियों की जांच में सामी और कीकील (जैसे डायथिलीन ग्लाइकोल) से यह मामला और खुलासा हुआ है।
इस पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी राज्यों में संबंधित दस्तावेजों की बिक्री, भंडारण और वितरण पर सम्मिलन के निर्देश दिए हैं।
शोध अध्ययन को सारांशित करना, आधार पर कानूनी कार्रवाई करना और उत्पादन निर्माण की प्रणाली में कठोर नियम लागू करने का दायित्व निर्धारित किया गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चेतावनी दी गई है कि किसी भी दवा की गुणवत्ता पर सहमति नहीं दी जाए, और बच्चों को जोखिम में डालने वाली दवाओं पर प्रतिबंध की चेतावनी दी गई है।
साथ ही, सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले को उठाया गया है और व्यापक जांच की मांग की गई है।
अब सवाल सिर्फ यह नहीं है कि ग्राफ़िक्स को कैसा लगेगा, बल्कि यह भी है कि इन फर्म की कंपनी कैसी बनी जाए? औषधि उद्योग की निगरानी का तंत्र और मानक का पालन – यही वो दो प्रमुख जिम्मेदारियां हैं जिनमें सरकार और संबंधित शेयरों को आज तुरंत खेलना है।