डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से बढ़ा संकट: 4.2 करोड़ अमेरिका की थाली पर मंडरा रहा खतरा, कोर्ट ने भी दी मंजूरी

अमेरिका में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप की पुरानी नीति चर्चा में है। हाल ही में यूएस कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के उस फैसले को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत फूड स्टैम्प प्रोग्राम (SNAP) में बड़ी कटौती की जा सकती है।
यह फैसला करीब 42 मिलियन (4.2 करोड़) अमेरिकियों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा, जो रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए सरकार की खाद्य सहायता पर निर्भर हैं।
ट्रंप प्रशासन ने 2019 में फूड असिस्टेंस प्रोग्राम में बदलाव का प्रस्ताव रखा था, जिसके तहत केवल उन्हीं लोगों को सहायता दी जानी थी जो काम करने की शर्तें पूरी करते हैं।
लेकिन महामारी के दौरान यह नियम रोक दिया गया था। अब कोर्ट के हालिया आदेश के बाद इस नीति को फिर से लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे गरीब और बेरोजगार अमेरिकियों पर बड़ा असर पड़ेगा। लाखों लोगों को फूड स्टैम्प (खाद्य कूपन) मिलना बंद हो सकता है, जिससे देश में भूख और गरीबी का स्तर बढ़ने की आशंका है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रशासन को यह अधिकार है कि वह फेडरल फूड प्रोग्राम्स में बदलाव कर सके, बशर्ते यह सार्वजनिक नीति के तहत हो।
हालाँकि कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने इसे “गरीब विरोधी फैसला” बताया है।
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त बहस चल रही है।
कई यूजर्स ने कहा कि “अमेरिका जैसे विकसित देश में भूख का संकट शर्मनाक है”, वहीं कुछ ट्रंप समर्थकों ने इसे “काम को बढ़ावा देने वाला कदम” बताया।
संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठनों ने भी इस फैसले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि “गरीबों की बुनियादी ज़रूरतें राजनीति का हिस्सा नहीं बननी चाहिए।”
ट्रंप की इस नीति को कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद, आने वाले महीनों में अमेरिकी समाज में भूख, गरीबी और रोजगार को लेकर बहस और तेज़ होने की संभावना है।
अब देखना यह होगा कि बाइडन प्रशासन इस फैसले पर क्या रुख अपनाता है।
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