सनातन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है दीपावली. लगभग सभी धर्मों के लोग दीपावली बड़े उत्साह व जोश के साथ मनाते हैं. भारतवर्ष के अलावा देश-विदेशों में बसे भारतीय भी दीवाली बड़े धूम-धाम से मनाते है. कई दिन पहले से घर, दुकान-मकान और ऑफिस में सफाई, रंगाई-पुताई शुरू हो जाती है. यह सब इसलिए किया जाता है ताकि माँ लक्ष्मी की कृपादृष्टि हम पर पड़े और जिस पर
लक्ष्मी की मेहर हो जाए उसके तो “पो बारह पच्चीस” हैं. यह तो हुआ हमारा प्राचीन मान्यता के प्रति अटूट विश्वास. कहा जाता है कि श्री रामचन्द्र जी इसी दिन 14 वर्षों के वनवास के पश्चात अयोध्या लौटे थे. उनके स्वागत में अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है. इस दिन शुभ लग्न और मुहुर्त में विधिवत लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है.
अष्ट-स्वरूपों में महालक्ष्मी पूजन
ऐसा माना जाता है कि दिवाली पर लक्ष्मी जी अपने अष्ट-स्वरूप संग आती हैं.ये आठ स्वरूप हैं
महालक्ष्मी ( कन्या)
धन लक्ष्मी ( धन, वैभव, अन्न, निवेश, अर्थव्यवस्था)
गज लक्ष्मी ( पशु व प्राकृतिक धन)
सनातन लक्ष्मी( आयु, सौभाग्य, स्वास्थ्य तथा सुख-समृद्धि)
वीर लक्ष्मी ( वीरोचित लक्ष्मी)
विजया लक्ष्मी ( विजय)
विद्या लक्ष्मी ( विद्या, ज्ञान-विज्ञान, कला)
संतान लक्ष्मी (संतान)
महालक्ष्मी के इन अष्ट-स्वरूपों का पूजन ही दीपावली है जो सुख-समृद्धि, सौभाग्य, ज्ञान और प्रकाश का द्योतक है.
लक्ष्मी आग़मन के शुभ संकेत
कुछ ऐसे शुभ संकेत भी माने जाते हैं जो माता लक्ष्मी के घर में आगमन के सूचक हैं:
1) दीपावली के दिन छिपकली(भागती हुई) या छछूंदर का दिखना शुभ माना जाता है.
2) दो मुँहे साँप का दिखना या उसकी केचुली दिखना
3) बिल्ली की नाल मिलना या घर की छत पर बिल्ली द्वारा गंदगी छोड़ देना.
4) लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू दिखना भी इस दिन शुभ माना जाता है.
5) कहीं से अकस्मात धन की प्राप्ति होना.
कहा जाता है कि इन सभी संकेतों में से यदि एक का भी अनुभव आपको हो तो माँ लक्ष्मी आपके घर में विराजती हैं.
वास्तविक प्रयास ही करें मां को प्रसन्न करने के
कई अज्ञानी लोग टोने-टोटके भी करवा लेते हैं कि बस लक्ष्मी की कृपा उन पर हो जाए. परन्तु क्या सिर्फ इन सबसे माँ लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है? माना कि सुख-समृद्धि, शुद्धता और दीप-ज्योति का पर्व है परन्तु यदि आपके घर की लक्ष्मी के मुखारविंद पर उजाला नही तो सब व्यर्थ है. आप सोच अवश्य रहे होंगे कि ऐसा कैसे?
हमें क्या करना चाहिए
मन में विचार आता है कि विधि-विधान से पूजन करने के बाद भी माँ लक्ष्मी की कृपा हम पर क्यूँ नही बरसती?
विधि-विधान के इतर हृदय की शुद्धता अति आवश्यक है. क्रोध पर संयम, छोटे और समान उम्र वालों के प्रति स्नेह और उदारता तथा बड़ों के लिये हृदय से आदर और सम्मान का भाव रखना चाहिए. दूसरे शब्दों में हमारे व्यवहार से किसी की आत्मा को दुख न पहुँचे. दोहरा व्यक्तित्व न रखें.
अब बात करते हैं घर की महिलाओं की
आपका व्यक्तित्व कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, सामाजिक मंच पर भले ही महिलाओं को आप चाहे जितना सम्मान देने का स्वांग कर रहे हों परन्तु यदि आप स्वयं के घर की स्त्रियों को मान नही देते उनके साथ भलीभाँति व्यवहार नही करते तो आप सिर्फ नारी जाति का ही नही माँ लक्ष्मी का भी अपमान कर रहे होते हैं. स्त्री को लक्ष्मी का रूप मानते हैं हम हिंदूधर्मी. फिर आप ये आशा करते हैं कि केवल एक दिन के सम्मान और क्रिया-कलाप से आप लक्ष्मी देवी को प्रसन्न कर लेगें?
घर की महिलाओं का करें सम्मान
पुरूष ही नही कई महिलाएँ भी अपनी बहुओं को प्रताड़ित करती हैं,ननद नई-नवेली भाभी को.
घर में सुख-शांति व समृद्धि में स्थिरता कायम रखने के लिए आपको अपना आचरण अच्छा रखना होगा.
घर-परिवार की स्त्रियों से समानता का व्यवहार करें. उनके अधिकारों पर पाबंदियाँ न लगाएँ और अस्तित्व विकास की स्वतंत्रता पूर्ण रूप से दें. चाहे वो बेटी हो, बहु हो या पुत्री. जब उन्हें यह सब कुछ सामान्य रूप से प्राप्त होगा जो कि उनका अधिकार भी है तो उनके चेहरे पर मुस्कान स्वत: ही आ जायेगी. जहाँ तक विवाहित जोड़ें की बात आती है तो पति-पत्नी के लिये एक शब्द प्रयुक्त होता है “दंपति”. दूसरे शब्दों में पति-पत्नी एक ही धर्म में रहकर अपने कर्तव्य और निष्ठा की आचरण करें तो दंपति करवाते हैं. इसलिए पति को पत्नी और पति को भी पत्नी को सर्वोचित सम्मान देना चाहिए. हृदय प्रसन्न हो तो सब कुछ अच्छा लगता है और घर का वातावरण भी खुशनुमा रहता है. ऐसे में जब आप पूरी उमंग-तरंग से दीपावली पूजन की तैयारियाँ करेगें तो माँ लक्ष्मी का प्रसन्न होना स्वाभाविक है. सिर्फ वे आपके घर पधारेगीं ही नही बल्कि स्थिर रूप से आपके निवास पर वास भी करेगी.
दीपावली पूजन के शुभ लग्न मुहुर्त
चलते-चलते इस वर्ष के दीपावली पूजन के शुभ मुहूर्त और लग्न के विषय में भी हम आपको अवश्य बताएगेंं. इस वर्ष दीपावाली का त्योहार बृहस्पतिवार 4 नवंबर, 2021 को मनाई जाएगी.
वैसे तो सबसे सर्वोत्तम मुहूर्त स्थिर लग्न है. कही जाता है कि स्थिर लग्न में पूजन करने से माँ लक्ष्मी घर में सदैव विराजती हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली पूजन सांय 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक किया जा सकता है. श्री गणेश जी और माँ लक्ष्मी की पूजा की अवधि का समय लगभग 1 घंटे 55 मिनट का होगा. अब आपको काल की जानकारी दे दें.
प्रदोष काल—- सांय 17:34:09 बजे से लेकर रात्रि 20:10:27 बजे तक
वृषभ काल—–सांय 18:10:29 बजे से लेकर रात्रि 20:06:20 बजे तक का रहेगा.
दीपावली शुभ मुहूर्त काल
दीवाली पूजन के शुभ मुहूर्त काल इस प्रकार हैं:-
निशिता काल मुहूर्त
निशिता काल मुहुर्त—— रात्रि 11:39 मिनट से 5 नवंबर रात्रि 00:31 बजे तक रहेगा.
सिंह लग्न मुहुर्त———- (5 नवंबर की) रात्रि 00:39 बजे से प्रात: 02:56 बजे तक रहेगा.
शुभ चौघड़िया मुहूर्त
इसके दो मुहूर्त बनते हैं सुबह-शाम और रात के. आप अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं इस मुहूर्त में माँ लक्ष्मी का पूजन.
चौघड़िया मुहूर्त: 06:34:53 बजे से 07:57:17 बजे तक
प्रात:कालीन मुहूर्त: सवेरे 10:42:06 बजे से दोपहर 14:49:20 बजे तक
सायंकालीन मुहूर्त: सांय 16:11:45 बजे से रात 20:49:31 बजे तक
रात्रि मुहूर्त: रात 24:04:53 बजे से रात 01:42:34 बजे तक
निशीथ काल जो रात्रि के प्रथम या द्वितीय पहर में होता है. तांत्रिक, अघोरी आदि अधिकत्तर इसी काल में पूजन करते हैं. दुकान के गल्ले, तिजोरी, हवन वगैरह इसी काल में किए जाते हैं.
इस बार तुला राशि में होंगा एक साथ चार ग्रहों का समन्वय जो कि तुला राशि वालों के लिए शुभ फलदायक रहेगा. ये ग्रह हैं सूर्य(ग्रहों का स्वामी), चंद्रमा(मन का कारक), मंगल(ग्रह सेनापति) और बुध (ग्रहों के युवराज).
पत्नी को किस दिशा में बैठना चाहिए पूजन के समय
हिंदू धर्म की मान्यताएँ के मुताबिक दीपावली पूजन में पत्नी को पति के दाएं ओर बैठना चाहिए. इस प्रकार पूजन करने से पूर्ण रूप से फल काी प्राप्ति होती है.
अन्य मांगलिक व धार्मिक राज्यों और बड़े के चरण स्पर्श करते समय सदैव पति क बाई ओर पत्नी का स्थान होता है. इसलिए सही स्थान पर बैठकर पूजा करने का विशेष महत्व है.
तो इस दीपावली पूजन सिर्फ घर की साफ-सफाई से नहीं अपितु विचारों की शुद्धता का संकल्प ले कर भी करें. घर की महिलाओं को यथोचित आदर ,अधिकार उपयोग की पूरी स्वतंत्रता दें. देखिए फिर माँ लक्ष्मी प्रसन्न हो कर आपके घर सिर्फ आएगीं ही नही बल्कि सात पीढ़ियों तक नही निमड़ेगीं. गणपति की वंदना संग ऋिद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि साथ लाएगी.
इसलिए आज ही से सफाई के साथ अपने व्यवहार को भी पूर्ण परिष्कृत करें.
न्यूज़ इन्डिया ग्लोबल की ओर से आप सभी को दीपावली की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएँ.