दिए जलाए प्यार के चलो इसी खुशी में, बरस बिता के आई है ये शाम ज़िन्दगी में. फिर से एक बार दीपावली का शुभ त्यौहार हमारे जीवन में आया है. और अपने साथ लाया है हज़ारों खुशियाँ, उमंग-तरंग, हृदय में बज रहे कोटि-कोटि मृदंग, पटाखों की रोशनी. सौर-मण्डल सा दमकता-चमकता आकाश जैसे कोई सितारों की बारात. सब कुछ अत्यंत सुंदर-पावन-निर्मल दर्शित हो रहा है चारों तरफ. उस पर रामलला की अयोध्या नगरी में हज़ारों दीपों का प्रज्जवलन और इन सबके बीच चमकती अयोध्या जैसे रात के माथे पर आभा बिखेरता चाँद.
हमारे हिंदू धर्म में त्यौहारों को, मनाने का अपना ही अंदाज़ है जो विदेशों तक मशहूर है. हर रंग शामिल है हमारे त्यौहारों में नीला, पीला लाल-गुलाबी. आजकल लोग ज़्यादा ही कम्फर्ट ज़ोन में रहने लगे हैं. हाँ भई सेफ्टी प्वाइंट पर सोचना आवश्यक है परन्तु इतना भी नही कि हमारे त्यौहार की छटा नीरस हो जाए. होली पर रंग नही खेलेगें, संक्रांति पर घेवर नही खाएगें क्योंकि डायबिटीज़ है, सावन में बारिश में नही भीगना ज़ुकाम हो जाएगी, मेंहदी नही लगाना क्यूँकि स्कूल-कॉलेज में अनुमति नही या यह सब फूहड़पन लगता है, गरमा-गरम जलेबी और केसरिया दूध की कॉम्बिनेशन शरीर में कैलोरी बढ़ा देता है. मिठाईयों की जगह पहले ड्राई-फ्रूट्स और अब फलों ने ले ली है. भला ये भी कोई बात हुई. सारे पर्व नीरस और बस कमरे तक सीमित होते जा रहे हैं. बस खिड़की से झाँक लेगें पर बाहर नही निकलेगें.
ऊपर से इस कोरोना ने तो सबको छुईमुई बना दिया है लोग अब एक-दूसरे से मिलने सेे भी कतराते हैं. हाँ बीमारी से सावधानी बरतने की आवश्यकता तो है पर सतर्क रह कर भी हम अपने पारंपरिक उत्सवों का भरपूर आनंद ले सकते हैं ना.
भला ये भी कोई बात हुई दीपावली और पटाखे न जलाए क्योंकि वातावरण दूषित होता है. आपकी पान की पीक रास्ते पर ,सिगरेट के धुँए से क्या इत्र महकता है हवाओं में? राजनीति के नाम पर भ्रष्टाचार क्या ये सबसे बड़ा POLLUTION नहीं?
भूल जाइये सारे तनाव और आशंकाओं को जो आप ज़बरदस्ती पालते हैं. हम बताएगें आपको कि इस बार की दीवाली को यादगार कैसे बनाए.
1. घर की साफ-सफाई के साथ दिमाग़ के जाले भी अवश्य हटाएँ.
2. अपने आंगन का कचरा दूसरे के घर के आगे ना फैलाए.
3. शानदार-चमकदार “भुकभुकिया” लाईटों से घर को सजाएं अवश्य मगर “मेड इन इंडिया” हो. अपने देश का पैसा विदेशों में न भेजने की यह पहल आपको और आपके देश को समृद्ध बनायेगी.
4. यदि आपके घर के पास चंदू हलवाई की दुकान पर ही मज़ेदार रसगुल्ले, पेड़, जलेबी-बरफी जैसी स्वादिष्ट मिठाईयाँ सही कीमतों पर उपलब्ध हैं तो “ऊँची दुकान” से खरीदारी के ‘टशन’ में न पड़े. महँगा ही पड़ेगा और बजट भी भागेगा,.
5. लक्ष्मी पूजन के लिए फल-सब्ज़ी, पूजा-साम्रगी, कपड़ों की खरीदारी दीपावली से दो-चार दिन पहले कर लें इससे सही दामों पर आप समझदारी से अपने पैसे की बचत कर पाएगें
6. दीपावली के कामों में एक-दूसरे का हाथ बताएं. इससे प्यार बढ़ता है… है ना.
7. लोग सोने-चाँदी के दीपों से पूजन करते हैं परन्तु इस दीपावली मिट्टी के बने दीपों से पूजन करें. यह हमारी परंपरा है जो पूर्ण रूप से पावन व शुद्ध भी है.
8. दिए बड़ी-बड़ी दुकानों से न खरीद कर किसी गरीब दुकानदार से खरीदें ताकि वो भी अपने घर में “खुशियों के दीप” जला सके.
9. सपरिवार लक्षमी-गणेश पूजन करें.
10. अच्छा सात्विक भोजन बनाए और पूजन के उपरांत सबके साथ मिलकर भोजन करें.
11. करीबी रिश्तेदारों और मित्रों को भी आमंत्रित करें.
12.इस दीपावली खूब पटाखें फोड़ें मगर कचरा बाद में साफ कर लें ताकि किसी को असुविधा न हो. आज के दिन तो पड़ोसी को भी परेशान करने की छूट होती है.
13. यदि आपका दिल करे, समय और पैसे दोनों हों तो अनाथ आश्रम के बच्चों के साथ थोड़ा समय बिताएं तथा कुछ खिलौने, कपड़े,मिठाईयाँ और पटाखे उपहार स्वरूप दें. आपका यह छोटा-सा प्रयास इन बच्चों के चेहरे पर बड़ी मुस्कान ला सकता है.
14. अब एक आखरी बात इस दीपावली स्वयं से यह वादा करें कि अपने देश, समाज और अपने क़रीबी रिश्तों के प्रति आप ईमानदार रहेगें.
छोटे से प्रयास से खुशियाँ दोगुनी हो जाती हैं तो सारी परेशानियाँ भूल कर इस बार दीपावली मनाएँ बिल्कुल हिंदू खालिस पारंपरिक तरीके से.
न्यूज़ इंडिया ग्लोबल की ओर से हमारे सभी पाठकों को दीपावली की अनंत बधाई और शुभकामनाएँ.!