ये बात भी सही है जहां से ये दिन आया है उस पाश्चात्य सभ्यता में गले मिलना रोज़ का व्यव्हार नहीं है. इसके लिए भी एक ख़ास दिन तय किया गया है. पर भारत के लिए न ये कोई नई बात है न कोई हैरान करने ाली बात है. हम हिंदुस्तानी तो दिन रात ही गले मिलते रहते हैं एक-दूसरे के.
चल रहा है वैलेन्टाइन्स वीक
वैसे ये वैलेंटाइन्स वीक है अर्थात 14 फरवरी के वैलेंटाइन्स डे के पहले का हफ्ता जिसे आप प्रेम सप्ताह भी कह सकते हैं. तो यह भी एक ख़ुशी का अवसर है पाश्चात्य संस्कृति के समर्थकों के लिए कि एक हफ्ते वे प्रेम करते हैं और प्रेम को अलग अलग रूपों में अभिव्यक्ति देते हैं. पर भारत के लिए ये भी नहीं बात नहीं. हम प्रेम के लिए किसी महीने या हफ्ते का इंतज़ार नहीं करते. हम दिन रात प्रेम करते हैं क्योंकि हम भारतीय संस्कृति के समर्थक हैं और प्रेम हमारे जीवन का अंग है क्योंकि हम आनंदवादी हैं.
हर योग चमत्कार करता है
अब बात करते हैं चमत्कार की. योग तो वैसे भी चमत्कार ही करता है. चाहे वह भक्ति योग हो या कर्म योग हो अथवा ज्ञान योग हो. आप योग के जिस भी मार्ग पर चल निकलेंगे आपका कल्याण ही होना है. परन्तु जीवन में एक योग ऐसा है जो हम नित्यप्रति करते हैं परन्तु उस पर ध्यान नहीं देते. और वह योग है देह योग. योग का अर्थ है जुड़ना और देह योग का अर्थ है देह के माध्यम से जुड़ना.
यही कारण है कि जब हम गले मिलते हैं तो एक चमत्कार होता है. गले मिलना चूंकि देह योग की मुद्रा है अतएव चमत्कार तो होना ही है. परन्तु इसमें एक कंडीशन है. योग की भांति देह योग में भी जब आप उसके परिणाम पर ध्यान देते हैं तो आपके लिए वह परिणाम औरों की अपेक्षा अधिक मात्रा में अस्तित्वमान होता है. आप ध्यान नहीं भी देते हैं तो भी यह परिणाम होता है जिसे हम चमत्कार कह रहे हैं.
क्या है ये चमत्कार?
यह चमत्कार है ऊर्जा के आदान-प्रदान का. हमारे शरीर से निकलने वाली ऊर्जा की किरणे दुसरे व्यक्ति के शरीर को ऊर्जा देती हैं और उससे ऊर्जा लेती भी हैं. यदि दोनों तरफ ही धनात्मक ऊर्जाएं हैं तो लाभ अधिक होगा. यदि एक तरफ ऋणात्मक ऊर्जा है और दूसरी तरफ धनात्मक ऊर्जा तो धनात्मक ऊर्जा का प्रभाव ऋणात्मक ऊर्जा पर पड़ेगा किन्तु कुछ मंद हो जाएगा. इसलिए आप जब भी किसी को गले लगाएं आनंद से भर कर गले लगाएं तो आपकी तरफ से धनात्मक ऊर्जा का ही सम्प्रेषण होगा सामने वाले व्यक्ति के शरीर में.
भावनात्मक प्रभाव अहम है
गले मिलने के तीन प्रभाव होते हैं – ऊर्जा के स्तर पर, भावनात्मक स्तर पर और स्वास्थ्य के स्तर पर. इसलिए ही गले मिलने को चमत्कार कहा है मैंने. आप नकारात्मक ऊर्जा से सराबोर हैं तो किसी धनात्मक ऊर्जा वाले व्यक्ति के गले लग जाइये आपमें धनात्मक ऊर्जा का संचार होने लगेगा. भावनात्मक स्तर पर ये प्रभाव और गहन है. आप दुखी हैं या निराश हैं अथवा कुंठित हैं तो आप गले मिलिए किसी से जिससे आपको धनात्मक ऊर्जा मिल सके और फिर देखिये आप, होगा चमत्कार. आपका दुःख तिरोहित हो जाएगा, निराशा के बादल छंटने लगेंगे और आपकी कुंठा भाग जायेगी. आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे.
स्वास्थ्य पर प्रभाव का प्रयोग कर सकते हैं आप
यदि परिवार में कोई बीमार है तो आप उस पर इस चमत्कार का जीवंत परिणाम देख सकते हैं. यदि परिवार में पांच -छह लोग हैं और एक बीमार है तो शेष बचे हुए आप चार या पांच लोग एक साथ बारी बारी से उस व्यक्ति को गले लगाइये और कुछ क्षणों तक लगाए रखिये . इस दौरान आप सभी गले लगाने वाले लोगों का ह्रदय आनंद और सकारात्मकता से भरा होना चाहिए. आपके मुखमंडल में मुस्कान होनी चाहिए. और यह सुन्दर कार्य आप लोग दिन में तीन या चार बार करें. फिर उसके बाद देखिये परिणाम. दो चार दिन में नहीं पहले दिन से ही सामने आने लग जाएगा और आपका बीमार ठीक होने लग जाएगा. क्योंकि यह है देह योग.
घर भर को दीजिये जादू की झप्पी
आप पापा को मम्मी को भाई को बहन को बेटे को बेटी को पति को और पत्नी को प्यार से गले लगाइये और उनको दीजिये प्यार भरे अदृश्य भाव जो आपके शरीर से किरणों के रूप में निकल कर उनके शरीर में उतर जायेंगे और जादू करेंगे उन पर. उनकी नकारात्मकता दूर करेंगे, उनके दुख और निराशा दूर करेंगे, उनका स्वास्थ्य ठीक करेंगे और उनको आनंद से भर देंगे.
सोचिये इस तरह दिन भर में आप कितने लोगों से गले मिल कर उनको ख़ुशी दे सकते हैं सकारात्मकता दे सकते हैं और ऊर्जा दे सकते हैं. ये तो एक बहुत बड़ी मानव सेवा है जो हम करते हैं लेकिन करते हैं अनजाने में. यदि इस तथ्य को जान कर हम लोगों के गले मिलेंगे तो इसका प्रभाव और बढ़ जाएगा क्योंकि तब हमारे शरीर की हर कोशिका हर सेल अपने द्वार खोल देगा और ऊर्जा का पूर्ण सम्प्रेषण हो सकेगा. इसीलिए कहते हैं इसको जादू की झप्पी. आज हग डे पर सबको जादू की झप्पी दीजिये और प्यार से कहिये -हैप्पी हग डे !!