Google celebrates Idli Day! This soft-steamed dish has a special story behind it.|गूगल ने मनाया इडली डे! इस सॉफ्ट-स्टीम्ड डिश के पीछे छिपी है खास कहानी

On: October 11, 2025 8:30 PM
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इडली डे

Idli story भारतीय व्यंजनों में एक बेहद पसंदीदा और स्वादिष्ट डिश मन जाता है। हाल ही में गूगल ने अपने डूडल के माध्यम से इडली डे मनाया है और इस दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली को पुरे विश्व में इसकी लोकप्रियता बढ़ा डाली है । यह केवल एक व्यंजन का जश्न नहीं था, बल्कि हमारी भारतीय संस्कृति और पारंपरिक खान – पान परंपराओं को उजागर करने का एक सबसे अच्छा तरीका था। इस लेख में हम आज आपको आपको इडली का इतिहास, इसकी उत्पत्ति, महत्व, और कम से कम समय में इसकी लोकप्रियता के बारे में विस्तार से बताएंगे।

इडली का इतिहास: एक प्राचीन व्यंजन की कहानी

इडली का इतिहास सदियों पुराना है। इतिहासकारों और वैज्ञानिको के अनुसार, यह व्यंजन 10वीं सदी के आसपास दक्षिण भारत के तमिलनाडु और कर्नाटक में विकसित हुआ था । प्राचीन ग्रंथों में इसका जिक्र “इड्लिका” या “इडलि” नाम से मिलता है। शुरुआती दिनों में यह व्यंजन चावल और उरद दाल के बैटर से बनाया जाता था, जिसे खमीर (fermentation) करके स्टीम किया जाता था।

खमीर करने से इडली हल्का, सॉफ्ट बनता है और पचने में भी आसानी होती है । यह सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं होता है , बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। आयुर्वेदिक दृष्टि से यह पाचन के लिए उत्तम मानी जाती है। यही कारण है कि यह आज भी नाश्ते में लोगों की पहली पसंद बनी हुई है इडली । तेल में बनने वाली सारी डिशेस को लोग ज्यादा तर इग्नोर करते है अब।

इडली डे और गूगल का सम्मान

हाल ही में गूगल ने अपने डूडल पर इडली डे मनाया है । यह न केवल भारत की पारंपरिक खाद्य संस्कृति को सम्मान देने का प्रतीक था, बल्कि वैश्विक दर्शकों के लिए यह एक संदेश भी था कि भारतीय व्यंजन स्वास्थ्य, स्वाद और संस्कृति का संगम हैं।

इडली डे गूगल डूडल ने यह दिखाया कि कैसे एक साधारण दिखने वाला व्यंजन अपनी कहानी और महत्व के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हो सकता है। यह न केवल एक खाने की चीज़ है, बल्कि भारतीय पारंपरिक रसोई और संस्कृति का प्रतीक भी है।

दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली

इडली कैसे बनी वैश्विक पसंद

“Amazing Idli Story अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रही है ।बल्कि , इसकी सॉफ्ट और हेल्दी प्रकृति के कारण इडली विदेशी देशों में भी लोकप्रिय हो गई। यह व्यंजन विभिन्न देशों में भारतीय तरीके से नास्ते में आमतौर पर उपलब्ध है।

दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली को अक्सर सांभर और नारियल की चटनी के साथ लोग पसंद करते है, जिससे इसका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है। विदेशों में भी लोग इसे हेल्दी और कम कैलोरी वाले नाश्ते के रूप में पसंद करते हैं। इसका नाम सुनते ही मुँह में पानी आजाता है।

इडली की प्रशिद्धता का एक बड़ा कारण इसकी सादगी और काफी टेस्टी होना है। यह बिना तेल के बनाई जाती है, और इसे किसी भी उम्र के लोग आसानी से खा सकते हैं और पचा भी सकते है । इस वजह से यह आधुनिक समय के स्वास्थ्य-जागरूक लोगों में भी बेहद मशहूर हो गई है।

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इडली बनाने की परंपरा और विविधताएँ

इडली का इतिहास बताता है कि यह व्यंजन केवल नाश्ते का हिस्सा नहीं है, बल्कि दक्षिण भारत की संस्कृति का भी अहम् हिस्सा है। पारंपरिक रूप से इसे घरों में सुबह-सुबह तैयार किया जाता था, लेकिन आज यह रेस्टोरेंट्स, कैफे और स्ट्रीट फूड स्टॉल्स में भी समान रूप से पसंद किया जाता है।

इडली और भारतीय संस्कृति का संबंध

इडली सिर्फ भोजन नहीं है; यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक भी है। दक्षिण भारत में इडली को “शुद्ध और सरल” भोजन के रूप में माना जाता है। घरों में इसे बनाने की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।

गूगल डूडल के माध्यम से मनाया गया इडली डे हमें यह याद दिलाता है कि भारतीय व्यंजन अपनी कहानी, महत्व और स्वाद के कारण केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर मने जाते हैं।




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