जो बाइडन इस पर विचार कर रहे है कि अमेरिका परमाणु हथियारों को लेकर नो फर्स्ट यूज पॉलिसी अपना लेगा। इसी के साथ अमेरिका का पतन अब आरंभ होता है।
अमेरिका के उत्थान की शुरुआत आज से 100 वर्ष पूर्व हुई थी जब प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त हो गया था और यूरोप लूट चुका था। उस समय अमेरिका निवेश के लिये बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा, अमेरिका में पैसा आया और उसने हथियारों की एक इंडस्ट्री विकसित की।
1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराकर अमेरिका सुपरपॉवर बना, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। अमेरिका की निरंकुश ब्यूरोक्रेसी उसे भारी पड़ रही है साथ ही अब वहाँ फ्रेंकलिन रुजबेल्ट, जॉन एफ कैनिडी या रोनाल्ड रीगन जैसे महान राष्ट्रपति नही दिखाई देते। बल्कि जो बाइडन के रूप में अमेरिका ने अपना पतन चुन लिया है।
जिस तरह चंद्रगुप्त और विक्रमादित्य की विरासत पृथ्वीराज नही संभाल सके उसी तरह अब्राहम लिंकन की विरासत जो बाइडन भी नही संभाल पा रहे है। जो बाइडन के बड़े ब्लंडर बिंदुओं में जानिए
1) अफगानिस्तान से सेना बुलाना – दुर्भाग्य सेना को बुलाना नही था बल्कि तालिबान का फिर से कब्जा होना था। आप आतंकवाद से लड़ने गए और आतंकवाद के हवाले अफगानिस्तान को छोड़कर आ गए। कही न कही एक संदेश गया कि अमेरिका या तो आर्थिक या फिर मानसिक रूप से मगर कमजोर तो हुआ।
2) डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरुद्ध टेरिफ वॉर किया था और चीन को भयंकर नुकसान पहुँचाया था। अब तो उल्टे शी जिनपिंग आँखे दिखाने लग गए।
3) जैसे ही जो बाइडन ने परमाणु बम को लेकर नो फर्स्ट यूज की बात कही, अमेरिका द्वारा संरक्षित देश जैसे जापान और दक्षिण कोरिया घबरा गए अमेरिका की विश्वसनीयता समाप्त हो गयी। कल को अगर उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया पर परमाणु बम से हमला कर दे तो अमेरिका तो नो फर्स्ट यूज में ही अटक जाएगा और दक्षिण कोरिया के चिथड़े उड़ जाएंगे।
4) दक्षिण एशिया में अमेरिका का एक ही दोस्त बचा था भारत, जो कि अब परेशान हो चुका है। भारत अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान से तेल खरीद नही पा रहा है ऊपर से अरब देशों में यमन के हूती आतंकी हमले कर रहे है जिसकी वजह से तेल की कीमत लगातार बढ़ रही है।
5) अमेरिका का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज अब हिल गया है, लोगो ने अमेरिका से पैसा निकालना शुरू कर लिया है। अब अमेरिका में सिर्फ कंपनियों की स्थापना होती है उत्पादन वे भारत या फिर वियतनाम में करते है। ले देकर अमेरिका का बस युवा वर्ग है जो कुछ करना चाहता है मगर जो बाइडन के ढीले रवैये के चलते कोई क्रांति हो नही पा रही।
2040 तक आप देखेंगे कि अमेरिका गिर चुका होगा, अब दुनिया अमेरिका के प्रतिबंधों से डर नही रही बल्कि आँख दिखा रही है। जॉर्ज बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप तीन राष्ट्रपतियों ने सबकुछ दांव पर लगाकर इस्लामिक आतंकवाद से जंग लड़ी मगर जो बाइडन की पार्टी अब इस्लाम की रक्षा के लिये भी एक कानून पास करवाने का सोच रही है।
अब आप कुछ समय मे देखेंगे कि जर्मनी और पोलैंड भी अमेरिका के विरुद्ध हो जाएंगे क्योकि इन दो देशों में इस्लामोफोबिया उफान पर आ रहा है। कुल मिलाकर दुनिया सुपरपॉवर से दूर जा रही है और सुपरपॉवर आइसोलेट हो रहा है।
चीन तो बिल्कुल सुपरपॉवर का अधिकारी नही है इसका कारण मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि शी जिनपिंग गृहयुद्ध के डर से किसी को भी अपने बराबर नही आने दे रहे है, जिस दिन जिनपिंग की मौत हुई और अगला राष्ट्रपति बना आप देखेंगे कि वह चीन को संभाल ही नही पायेगा। आपको एक हाथ से अपने ही लोगो का शोषण भी करना है और दूसरे हाथ से दुनिया को लोन बाँटकर साम्राज्य फैलाना है।
ये कला कुछ लोगो मे होती है मगर सबमे नही, शायद आप हँसे या अजीब लगे मगर मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत अगली सुपरपॉवर बन जायेगा बशर्ते सैन्य जीत के बाद हम अच्छे से डील करे और हमे सिर्फ 2 चीजे चाहिए पहली की DRDO इतना सक्षम हो कि हम भारत मे ही रक्षा उपकरण बना सके और दूसरा भारत मे इलेक्ट्रिक कारे और स्कूटर जल्द से जल्द आये या फिर हम अमेरिका को ठेंगा दिखाकर ईरान से तेल खरीदना शुरू करे।
शायद आपको अजीब लग रहा हो लेकिन दृष्टिकोण को बदलकर देखिये, पोस्ट पढ़ने वाले अधिकतर लोग हिंदी भाषी है जो बीमारू राज्यो (बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश) की खबरे ज्यादा पढ़ते है। वही यदि आप स्वस्थ राज्य जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और तमिलनाडु के परिपेक्ष्य से देखे तो पता चलता है कि देश मे तकनीकी जमकर विकसित हुई है।
आग्रह करूँगा की टिप्पणी को नस्लीय रूप से ना ले ये एक सच्चाई है जो हमे अपने गिरेबान में झाँककर देखनी होगी। तथाकथित चार राज्य मुआवजा बांटने, फसल तोड़ने और यूपीएससी से ऊपर बढ़कर जब सोचेंगे तब ही विकसित होंगे। नौकरशाही की चाह और सस्ती किसानी की इच्छा सिर्फ आपको गरीब रखेगी, भारत तो अपनी रफ्तार से बढ़ता रहेगा।
निजी स्तर पर मैं महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात और तमिलनाडु की सरकारों का अभिवादन करूँगा। जब भी तकनीक में कुछ नया आता है सबसे पहले इन्ही राज्यो में से कही शुरू होता है उत्तरप्रदेश भी धीरे धीरे लाइन अप कर रहा है वहाँ के लोग गुरुग्राम की तर्ज पर नोएडा और गाजियाबाद को विकसित कर रहे है।
लेकिन बाकी भारत को आगे आना होगा वरना इस देश मे भारतीयता दो वर्गों में होगी, प्रथम वर्ग में सिर्फ 6 राज्य होंगे जो खुद को बड़ा भारतीय कहेंगे। विकास करके ही आप अपना सम्मान पा सकते है और कोई शॉर्टकट नही है