राजनीति की दुनिया के लोग आजकल मिथुन चक्रवर्ती को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं. आज की ये बातें कल की घटना से जोड़ी जा रही हैं और ये भी माना जाने लगा है कि मिथुन अब फिल्मों की दुनिया से राजनीति के मंच का रुख कर रहे हैं. दरअसल मिथुन चक्रवर्ती को लेकर पश्चिम बंगाल में जो सियासी पारा चढ़ रहा है उसकी वजह उनकी कल हुई एक मुलाकात है जो उन्होंने की थी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के साथ.
मुलाक़ात पर सवालात
मंगलवार 16 फरवरी को हुई है ये मुलाक़ात जिस पर होने लगे हैं सवालात. मंगलवार की सुबह संघ प्रमुख मोहन भागवत मुंबई स्थित मिथुन चक्रवर्ती के आवास पर मुलाकात करने पहुंचे थे. इसे देख कर कहा ये जा सकता है कि मिथुन मिलते तो लगता कि मिथुन के भीतर चुनावी इच्छा बलवती हो रही है किन्तु चूंकि मोहन भागवत स्वयं मिलने आये थे तो स्पष्ट ही है कि यह राष्ट्रवादी पार्टी चाहती है कि मिथुन भी उनके साथ आएं और पश्चिम बंगाल में पार्टी का चेहरा बनें.
मिथुन चक्रवर्ती की असहमति
एक तरफ पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारों में मिथुन चक्रवर्ती और RSS प्रमुख मोहन भागवत की मुलाक़ात को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ अभी से पक्के राजनीतिज्ञ की भाँति मिथुन चक्रवर्ती ने इसे बस जस्ट ए विज़िट कह कर अपनी समझदारी की झलक दिखा दी. न उनसे सीधे सीधे पूछा गया न उन्होंने सीधा जवाब दिया पर चुनाव के मौसम में संघ प्रमुख से बंगाल के एक्शन हीरो का मिलना कहानी कुछ और ही कहता है.
”हमारी पहले भी होती रही है भेंट”
इस ‘विचारोत्तेजक’ बैठक को लेकर आ रहे विचारों पर विराम देने का प्रयास मिथुन चक्रवर्ती ने किया. उन्होंने कहा कि -”मेरी मोहन भागवत जी से कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. उनसे मेरी मुलाकात पहले भी मुंबई में होती रही है. हमने साथ में नाश्ता किया और अलग अलग विषयों पर बातचीत की.”
बीजेपी की है दिलचस्पी
बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि विधानसभा चुनावों से पहले बॉलीवुड एक्टर मिथुन पार्टी ज्वाइन करें ताकि बंगाल में बीजेपी का वजन और बढ़ जाये. इस वजह से ही मोहन भागवत और मिथुन चक्रवर्ती की मुलाक़ात को राजनीतिक ऐनक पहन कर देखा जा रहा है.