जिस मोदी से सीधी टक्कर अमेरिका, चीन व अन्य वैश्विक स्तर के ताकतवर नेता भी नहीं ले रहे….और वो तो कभी किसी से डरता भी नहीं है….
फिर वो मोदी फ्लाईओवर से वापस क्यों लौट गया.?… ऐसे कई प्रश्न लगातार लोगों के अंतर्मन में उठ रहे हैं कल से ही…तो ये रहा सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर….
उसने पगड़ियां पहने हुए वामपंथी गद्दारों रूपी सिक्खों द्वारा जाम किये गए फ्लाईओवर से वापस लौट हिन्दू सिक्खों के दंगों..(जो कि कुछ ही समय में हिन्दू मुस्लिम दंगो का रूप ले लेते)को अपनी बौद्धिक क्षमता से रोक दिया…
तथाकथित किसानों की भीड़ इतनी नजदीक आ गई थी कि SPG ने एक्शन लेने की तैयारी कर दी थी…
अमूमन जो हथियार सीने पर लटके हुए देखे हैं हमनें कमांडो के, उन विश्व के सबसे अत्याधुनिक हथियारों को ट्रिगर पर उंगली रख पोजिशन में आते कल देख रहे थे हम…
SPG कमांडो जो कि एक सेंकड में ही दुश्मन को सटीक निशाने से ढ़ेर कर सकते हैं उनके पास हजारों गोलियां व अन्य असलहा हर समय गाड़ी में लैस रहता है….
और उनका एक ही लक्ष्य होता है प्रधानमंत्री की सुरक्षा… भले ही इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े.. भले ही कैसा भी हथियार इस्तेमाल करना पड़े….
नजदीक आते गद्दारों की भीड़ ने SPG कमांडो को हथियार चलाने की अनुमति लेने के लिए विवश कर ही दिया था कि एकाएक अपनी गाड़ी में शांतचित्त गम्भीर मुद्रा में बैठे राजनीतिक सन्यासी ने कुछ लालच देकर गद्दारों द्वारा इक्क्ठा की गई अपनी सैकड़ों प्रजा (सिक्खों)की जान बचाने के लिए एक अचंभित करने वाला निर्णय ले लिया…
जिस SPG दस्ते के स्वचालित अत्याधुनिक हथियारों की मैगजीनों में भरी हजारों गोलियां सिर्फ ट्रिगर दबने का ही इंतजार कर रही थी.. एकाएक उस SPG दस्ते को काफ़िला वापस मोड़ने की तैयारी का आदेश दे दिया….
पल भर बाद सैकड़ों, हजारों लोगों की जान लेने पर विवश हो जाने वाले SPG कमांडो एकाएक त्वरित कार्यवाही करते हुए एक एक वाहन को पुनः वापसी के लिए मूव करवाने लग गए…
और इस प्रकार एक दूरदर्शी महान राजा ने अपनी प्रजा के लिए राजधर्म का पालन करने का निर्णय लिया…..
अपनी खामोशी से सैकड़ों सवालों का मौन प्रत्युत्तर देते हुए स्वयं को एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ नेता सिद्ध कर दिया….
गद्दारों का मोदी की सेना के हाथों मोदी की प्रजा के नरसंहार का एक सोचा समझा बहुत बड़ा व गहरा षड्यंत्र मोदी की चाणक्य नीति से असफल कर दिया गया…….
विदेशी गुप्त दौरे पर गए बहरूपिये व उसकी विधर्मी बहन तथा विदेशी मूल की गाँधीमाता ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि हिंदुओं की धरती पर अब विदेशी गद्दारों के षड्यंत्र असफल हो जायेंगे……क्योंकि सनातन संस्कृति के धर्मोपदेशानुसार राजधर्म निभाने वाले नेता को हिन्दूओ ने शीर्षसता पर बिठाया है…..
साम, दाम, दण्ड, भेद की चारों…..”चाणक्य नीति से चलता हिन्दूराजा”
(हिन्दूधर्मध्वजावाहक)