पूछता है देश – ये किस तरह का ज्ञान दिया जा रहा है? क्या सभी तीसमार खान ढपोरशंख हो गए हैं?
क्या राहुल और क्या चिदंबरम – बड़े बुद्धिमान बन रहे हैं लेकिन अपने समय को भूल करके ज्ञान दिए जा रहे हैं?
आर्थिक सर्वेक्षण में कर संग्रह में साल दर साल बढ़ोतरी होने पर भी राहुल गाँधी और चिदंबरम के दिल में तकलीफ हो रही है जो कह रहे हैं कि सरकार सिर्फ कमाई को उपलब्धि मान रही है मगर लोगों का दर्द नहीं देखती.
चिदंबरम ने कहा है “वही पुरानी बात कही गई है कि 2021-22 के आखिर में अर्थव्यवस्था सुधार के साथ महामारी के पूर्व 2019 -20 के स्तर पर पहुँच जाएगी –84% परिवारों की आय घट गई -ये रवैये में बदलाव का समय है, यथावत बने रहने का नहीं है”
सबको याद है कि चिदंबरम 2013 में वित्तमंत्री थे, तब सरकार में कई अर्थशास्त्री थे मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री को मिला कर –कोई महामारी नहीं झेली कांग्रेस सरकार ने पर फिर भी भारत दुनियां की 5 सबसे बड़ी चरमराती अर्थव्यवस्थाओं में एक बन गया –
ये क्यों भूल जाते हैं वो कि 2013 में कांग्रेस सरकार को देश के सोने के भंडार में से 200 टन सोना गिरवी रखने की नौबत आ गई थी.
सोने को बचाने के लिए आर्थिक धुरंधरों की सरकार ने 26 बिलियन का FCNR-B का कर्ज देश पर लाद दिया जिसे मोदी सरकार ने मय ब्याज के चुकाया –
तेल उत्पादक कंपनियों के 3 लाख करोड़ के आयल बांड्स का कर्ज छोड़ कर गए चिदंबरम जिसे आज तक मोदी चुका रहे हैं और ईरान का 43 हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी छोड़ गए और उसे भी मोदी ने अदा किया है.
और 10 साल में घोटालों की तो पूछो ही मत –नेताओं के तो घर के घर भर गए -फ़ोन पर बैंकों का धन ऐसे लुटा दिया कि जैसे अपने बाप का माल था.
2013 में अंटोनी, रक्षा मंत्री ने संसद में कहा कि राफेल खरीद सकें, इसके लिए हमारे पास धन नहीं है, हम तो चीन की तरह सड़के भीं नहीं बना सके 70 वर्ष में.
लेकिन पिछले 7 साल में 6 लाख करोड़ से ज्यादा के हथियार देश
को दिए मोदी ने और तुम लोग तो बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं दे सके सेना को –लेकिन चीन से MOU करने समय देशहित नजर नहीं आया
इतनी बड़ी महामारी के बाद भी देश प्रगति की राह पर है, 170 करोड़ वैक्सीन फ्री दी गई हैं, कोरोना काल में 80 करोड़ लोग राशन पा सके मुफ्त में.
मोदी सरकार ने देश के किसी भी विकास कार्य को कोरोना काल की वजह से रोका नहीं मगर अफ़सोस है कि देश संकट में रहा पर कांग्रेस और विपक्ष राजनीति करता रहा और अब भी कर रहा है.
ये जानते हुए कि महामारी में सभी देशों की GDP गिरी थी और हर देश में रोजगार लोगों के कम हुए,
फिर भी भारत का विपक्ष देश में GDP गिरने और रोजगार का रोना रोने में लगा हुआ है ऐसा लग रहा है जैसे खुद तो कांग्रेस 2014 में देश में हर आदमी को कलेक्टर बना कर गई थी
पूछता है देश -ज्ञान बांटने वालों अपने किये कामों के लिए अज्ञानी क्यों बन जाते हो?