पूछता है देश आपको याद दिलाना चाहता हैै उस दिन की जब कुछ समय पहले पीएम मोदी जा रहे थे पंजाब के फीरोजपुर में रैली करने पर अचानक संदेहास्पद परिस्थितियों में उन्हें बीच रास्ते से ही वापस आना पड़ा. आप सभी को याद होगा कि वो बात भूलने वाली नहीं थी.
पूछता है देश कि क्यों हुई आखिर इस तरह की हरकत? .. क्यों भूल जाते हैं कुछ लोग कि वो महादेव का वरदान है, माँ जगदम्बा का उसके सिर पर हाथ है, उसको छेड़ने की कोशिश मत करो, जरा सी नज़र टेढ़ी की शंकर जी ने तो सर्वनाश हो जायेगा विधर्मियों का?
नरेंद्र मोदी केवल एक प्रधानमंत्री ही नहीं हैं, वो तो महादेव का साक्षात् वरदान हैं,माँ जगदम्बा का अनन्य भक्त है, उसे छेड़ने की कोशिश न करे विधर्मियों की जमात.
जरा सी नज़र टेढ़ी कर दी शंकर जी ने अपने भक्त को परेशान करने वालों पर तो सभी का सर्वनाश हो जायेगा, इस बात का अंदाजा भी नहीं है उनको.
मोदी का मार्ग रोक कर जश्न मना रहे हैं, सिद्धू ड्रामा बता रहा है और सुरजेवाला नकली कोरोना में पड़े-पड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कह रहे हैं -कि भीड़ नहीं थी जिस वजह से रैली रद्द की मोदी ने.
एक पुराने भगोने में बहुत से चमचे डले हुए थे. सारे ख़ुशी से पागल दिख रहे थे. फिर आवाज आई -हाउ इज़ द जोश मोदी जी,
एक कह रहा है – पंजाब ने देश का दिल जीत लिया –किसान नेता खुद बता रहे हैं पुलिस ने बताया था मोदी कहां से आ रहे हैं और चन्नी साहब कहते हैं – हमें तो पता ही नहीं था कि सड़क से आएंगे-
इंदिरा जी की हत्या पर किसी भाजपा वाले ने नहीं पूछा हाउ इज़ द जोश, राजीव गाँधी पर श्रीलंका में हमला होने पर और उसकी तमिलनाडु में हत्या होने पर किसी ने नहीं पूछा कि जोश कैसा है और आज कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले कांग्रेसी पूछ रहे हैं -“How is the Josh” —
लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि जो गड्ढा ये मोदी के लिए खोद रहे हैं, कहीं वो खुद उसमे दफ़न न हो जायें.
विपक्ष के नेता राहुल गाँधी, बहन प्रियंका, अखिलेश यादव, ओवैसी, केजरीवाल, मायावती और अकाली भी खामोश हैं जैसे मोदी के बचने पर ख़ुशी मना रहे हैं.
नरेंद्र मोदी कभी किसी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देते मगर घटना के दिन बोले थे कि सी एम् चन्नी को धन्यवाद देना और बाता देना कि मैं जिंदा भटिंडा पहुँच गया हूँ.
मोदी का संदेश केवल चन्नी को नहीं था, वो उन सभी छोटे और बड़े लोगों के लिए था जिन पर इस षडयंत्र का आरोप लगाया जा सकता है उधर गुरपतवंत सिंह पन्नुन की दहाड़ सुनाई दे रही है कि उसके सिखों ने मोदी को वापस लौटा दिया.
जिस मोदी ने आतंकियों की धमकी को दरकिनार कर कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा दिया, उसे ये लोग भयभीत करना चाहते हैं.
कहीं ऐसा तो नहीं कि फ़िरोज़पुर में दंगा करा कर सिखों का एक बार फिर नरसंहार करने की फिराक में रचा गया था षडयंत्र जिसका सारा दोष भाजपा पर मढ़ने की तैयारी थी.. मगर जहरीले मनसूबे पूरे नहीं हुए.
घटना के 30 घंटे बाद सोनिया गाँधी चन्नी को कह रही हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए –गोल गोल जलेबी वाली चतुराई की बातें क्या जनता को समझ नहीं आती कि कांग्रेसी कहना क्या चाह रहे हैं.. पर वैसे ऊपर से तो अब वे अब खाल बचाने की कोशिश में लगे हैं.