
चचासुर शरद पवार सुर क्यों बदले ? और सुर बदलते हुए भी झूठ बोले – ऐसी बातें क्यों करते हो, जिन्हें प्रमाणित नहीं कर सकते .
राजनीति के मराठा छत्रप चचासुर शरद पवार ने कुछ नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ने की कोशिश क्यों की और ऐसा करते हुए भी कुछ झूठ क्यों बोल गए, ये समझने की जरूरत है.
पवार साहब ने कहा है कि वो और डॉ मनमोहन सिंह नरेंद्र मोदी के लिए किसी तरह की प्रतिशोध की भावना से राजनीति नहीं चाहते थे और मेरे सिवाय मोदी से सीधे बात करने की हिम्मत किसी और में नहीं थी -वो हिम्मत तो आज भी किसी में नहीं है मोदी का रुतबा देख कर.
अब इस बात पर कौन विश्वास कर सकता है जबकि कांग्रेस की UPA सरकार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मोदी को कुचलने में आगे रहती थी – कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सब नेता मोदी को मुसलमानों का हत्यारा साबित करने में लगे थे.
सुप्रीम कोर्ट तक मैनेज किया हुआ था जहां चुन चुन कर जज बिठाये गए थे जिनके सामने मोदी का हर केस लगता था –चचासुर बता सकते हैं जब सोनिया गाँधी ने मोदी को “मौत का सौदागर” था तब क्या उन्होंने और मनमोहन सिंह ने सोनिया को टोका था?
जकिया जाफरी अभी तक सुप्रीम कोर्ट में उस SIT की रिपोर्ट के खिलाफ लड़ रही है, जिसमे मोदी को क्लीन चिट दे दी थी, बस एक ही लक्ष्य है मोदी को फ़साना है और वकील है कपिल सिबल – ये है बदले की भावना की राजनीति.
क्या हुआ चचासुर को अचानक कि ममता बनर्जी एक दिन में दिल से उतर गई वरना उसे प्रधानमंत्री बनाने चले थे.
चचासुर पवार ने झूठ बोला है कि मोदी ने उन्हें भाजपा के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था –यदि ऐसा कहा होता तो तुम सरकार तुरंत बना लिए होते -लेकिन अजित पवार के साथ जब सौदा नहीं पटा तो तुमने उसकी कुर्सी की टांग तोड़ दी .
अजित पवार के पास 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति पकड़ी गई है — इतना ही नहीं, अपुष्ट ख़बरें कहती हैं 2 और अन्य रेड में 1400 करोड़ और 800 करोड़ भी पकड़ा गया है जिसे अजित कहते हैं, मेरा नहीं है.
अब समझ लीजिये नस किसकी दबी है जो चचासुर बिलबिला रहे हैं –उद्धव को मुख्यमंत्री बना कर अनिल देशमुख के जरिये पैसा तो बना लिया, सरकार रिमोट कंट्रोल से भी चला रहे हैं मगर परेशान फिर भी हैं.
अर्नब जैसे को जेल में डलवा दिया मगर परिणाम क्या हुआ –वक्त ने पलटा खाया और अनिल देशमुख अंदर है और एक दिन परमबीर सिंह भी अंदर जायेगा –
इसलिए चचासुर पवार सोच रहे हैं कुछ जुगाड़ कर भाजपा को पटा लिया जाये और सरकार उसके साथ बना ली जाये भले ही 2 -4 मुर्गे गुर्गे कुर्बान करने पड़ जाएं –लेकिन इस तरह शयानापन कभी कभी काम नहीं आता.
बॉलीवुड के नशेड़ियों और चोरों के साथ खड़े हो गए अपने नवाब मलिक के जरिये और उसके पहले अर्नब के साथ खेल खेला, लेकिन अब भुगतना पड़ गया ना –आगे आगे देखिये क्या क्या होता है ..