मुंबई के साकीनाका इलाके में हुआ बलात्कार एक 34 वर्षीय महिला का. बलात्कारी मोहन चौहान (45 वर्षीय) ने न सिर्फ उस महिला का रेप किया बल्कि बड़ी निर्दयता से उसके निजी अंगों में IRON ROD डालकर यातना दी. सोच कर भी शर्म आती है कि इंसान दरिंदगी की इस हद तक कैसे गिर सकता है?
निर्भया वाली नृशंसता आई याद
इस घटना ने 16 December, 2012 के निर्भया केस की याद ज़ेहन में और भी ताज़ा कर दी. जब उसके साथ बलात्कार के बाद उसके Private Parts में लोहे की ROD डालकर अमानवीयपूर्ण कृत्य किया गया था. ये इंसान हैं या वहशी दरिंदे?
निर्भया का सबसे बड़ा दोषी रिहा हुआ था
आठ वर्षों की लंबी लड़ाई के पश्चात आखिर में 20 MARCH, 2020 की सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में निर्भया के आरोपियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया परन्तु उन दोषियों में से एक आरोपी को नाबालिग होने की दलील पर तीन वर्ष बाद रिहा कर दिया गया था.
आपको बता दें कि भारत की एकमात्र महिला राष्ट्र्पति प्रतिभा पाटिल ने 5 बार बलात्कार के मामलों में फाँसी की सज़ा जो उच्चतम न्यायालय तय की गई थी को उम्र कैद में तब्दील करवा दिया जिसकी भर्त्सना पूरे विश्व ने की.यही वजह है कि अब संसद ने कई कड़े कानून लगा दिये हैं ताकि ऐसे अपराधों पर रोक और अपराधियों की नाक में नकेल डाली जा सके.
निजी अंगों पर चोट, मिली खून से लथपथ
मुंबई पुलिस ने बताया कि उन्हें ये खबर मिली कि खैरानी रोड पर (Friday 10 September) एक व्यक्ति एक महिला को बुरी तरह से प्रताड़ित कर रहा है. जब POLICE घटना स्थल पर पहुंची तो वहाँ उन्हें एक महिला खून से लथपथ मिली. आरोपी मोहन चौहान को कुछ देर में पकड़ कर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने यह भी कहा कि सड़क किनारे खड़े एक टेंपो के भीतर आरोपी मोहन चौहान ने इस घटना को अंजाम दिया. खून के थक्कों के निशान टैंपो के अंदर पाये गये हैं. प्राइवेट पार्ट पर चोट और अत्यधिक खून बह जाने के कारण महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है.
आरोपी हिरासत में
आरोपी मोहन चौहान को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और 376 के तहत गिरफ्तारी कर लिया गया है क्योंकि आरोपी पर हत्या का प्रयास यानी धारा 307 और बलात्कार यानी धारा 376 दोनों ही केस बनते हैं.