लग तो बिलकुल यही रहा है और अब इसके लिए ज्यादा वक्त नहीं लगने वाला है हो सकता है आज ही ये खबर आ जाए कि रूस का यूक्रेन पर कब्जा हो गया है
हालात पर गौर कीजिये. रूस की सेनाएं सिर्फ तीस किलोमीटर दूर हैं रूस की राजधानी कीव से. रूस की सेनाएं अपने दो सौ एयरक्राफ्ट के साथ एक नया और बड़ा हमला बाइला रूस की धरती से यूक्रेन पर करने जा रहा है. कीव से राष्ट्रपति जेलेंस्की का बयान आया है कि वे कीव नहीं छोड़ेंगे. इस बात का अर्थ है कि अब रूस बहुत जल्दी राजधानी पर कब्जा कर लेगा अर्थात रूस का कब्जा यूक्रेन पर हो जायेगा.
यूक्रेन की हालत ये है कि जहां युद्धक हमले हो रहे हैं वहां लोग छुपने के लिए भाग रहे हैं. राजधानी कीव में लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ भाग रहे हैं. कतारों में लगे लोग बंकरों में जा कर शरण ले रहे हैं. राष्ट्रपति ने कल जनता से अपील की थी कि नागरिक देश की रक्षा के लिए युद्ध में हिस्सा लें. इस बात का असर हुआ और काफी लोग सरकार द्वारा दिए जा रहे पेट्रोल बम ले कर रूसी सेना और रूसी टैंकरों पर हमला कर रहे हैं.
उधर नाटो सेना पालथी मार के बैठी है. शुरू में बार बार बयान आ रहे थे कि नाटो सेना रूस का मुकाबला करेगी और यूक्रेन पर हमला नहीं होने देगी. लेकिन जब हमला हुआ तो उसने यूक्रेन की मदद नहीं की. नाटो सेना ने आज फिर बयान दिया है कि वे रूस की घेराबंदी करेगी. लेकिन ये बयान भी नकली लग रहा है जो सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए दिया गया लगता है.
नाटो का निर्माता और नाटो का सबसे बड़ा नेता अमेरिका चुप्पी मार के बैठा है. हैरानी की बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन आज अपनी पत्नी के लिए चार दिन की छुट्टी मनाने के लिए निकल गए हैं. इसका सन्देश ये जाता है कि उनकी बला से रूस जो चाहे करे यूक्रेन का. इसे देख कर लगता है कि यूक्रेन की जिद यूक्रेन पर भारी पड़ गई है. पर एक बात जो अच्छी हुई है वो ये है कि तृतीय विश्व युद्ध का माहौल नहीं बन रहा है. और इसके लिए नाटो और अमेरिका को धन्यवाद देना होगा. अगर वे युद्ध में उतर जाते तो तृतीय विश्व युद्ध के हालात बन सकते थे. पर उन्होंने ये कह कर युद्ध से अपना बचाव कर लिया कि यूक्रेन अभी नाटो का सदस्य नहीं है इसलिए उसका बचाव करना हमारी प्राथमिकता नहीं है.