मुंबई में फिल्मी अभिनेता अभिनेत्रियों और बुजुर्ग अभिनेताओं के बच्चों को ड्रग्स बेचना बेहद फायदे का धंधा है
खुद एक चैनल पर शाहरुख खान ने कहा था कि वह आर्यन खान को हर महीने 10 करोड़ रुपये जेब खर्च देते हैं अब आप इसी से अंदाजा लगाइए कि इनके लिए पैसे की क्या कीमत होती होगी
हर शहर में जो ड्रग्स का धंधा होता है उसमें कई चैनल होते हैं इनका मुख्य सप्लायर विदेश में होता है फिर वह हर बड़े शहरों में कुछ अपने एजेंट उसमें ज्यादातर नाइजीरियन होते हैं को पैसे की वसूली और ड्रग्स सप्लाई में लगा देता है
यह नाइजीरियन एजेंट 100 ग्राम या 500 ग्राम का धंधा नहीं करते यह उस शहर में किसी बहुत बड़े को ड्रग्स डीलर बनाते हैं जो सीधे किलो 2 किलो 10 किलो का सौदा करता है
उसके बाद वह ड्रग डीलर अपने नीचे ड्रग्स पेडलर बनाता है उन ड्रग्स पैडलर का काम होता है कस्टमर तक ड्रग्स पहुंचाना और कस्टमर से पैसा लेकर फिर अपना कमीशन काटकर ड्रग्स डीलर को पैसा देना
इस धंधे में भी बहुत कंपटीशन है क्योंकि इससे बड़ा मुनाफा वाला धंधा कोई है ही नहीं इसलिए इस धंधे को चलाने के लिए इस धंधे पर कब्जा करने के लिए आपसी गैंगवार और खून खराबा बहुत होता है मेक्सिको कोलंबिया इसका उदाहरण है हालांकि कोलंबिया की सरकार ने काफी हद तक कंट्रोल कर दिया लेकिन मेक्सिको में आज ही ड्रग्स के धंधे को लेकर खून खराबा होता रहता है
इस धंधे में ड्रग्स पेडलर के जिम में एक और काम होता है ड्रग्स पेडलर कुछ पैसे वालों और प्रभावशाली लोगों को मुफ्त में ड्रग्स देता है ताकि उन्हें लत लगे इसके अलावा वह उनको ड्रग्स की पार्टियों में मुफ्त में बुलाता है उन्हें चीफ गेस्ट बनाता है ताकि उस के बहाने उसका ड्रग्स का धंधा और अच्छा से चलता रहे और नए-नए अमीर बने लोगों के नबीरों को यानी शहजादे को ड्रग्स की लत लगे
ड्रग्स माइंड के डोपामिन को इस कदर प्रभावित कर देता है अगर आपने ड्रग्स का सेवन कर लिया तब आपको हमेशा इसकी जरूरत पड़ेगी
मुंबई में पहले दाऊद गैंग छोटा शकील छोटा राजन इत्यादि ड्रग्स के मुख्य डिस्ट्रीब्यूटर हुआ करते थे फिर जब बड़े गैंग का खात्मा हो गया उसके बाद छोटे-छोटे डीलरों ने अपना नेटवर्क बना लिया
समीर वानखेडे को पूरे सबूत मिल चुके थे कि नवाब मलिक का दामाद समीर खान और उसका बेटा एक बड़े ड्रग्स डीलर हैं जो फिल्म इंडस्ट्रीज में ड्रग्स सप्लाई करते हैं
उसके बाद उन्होंने ट्रैप लगाकर दोनों को अच्छी खासी क्वांटिटी में ड्रग्स के साथ पकड़ा
नबाब मलिक का दामाद लगभग 8 महीने जेल में रहा और नवाब मलिक का बेटा लगभग 6 महीने जेल में रहा उसके बाद नवाब मलिक तिलमिलाया हुआ है
एक कहावत है कि पेट पर मारी गई लात का चोट बहुत गहरा होता है
नवाब मलिक उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से मुंबई आकर भंगार का काम करता था आज यूं ही करोड़ों का आसामी नहीं बन गया
बस आप इसकी बिलबिलाहट का मजा लीजिए क्योंकि इसके पेट पर लात मारी गई है
यह उत्तर प्रदेश का मुस्लिम होकर तमाम मराठी कामगारों को बुरी तरह से पीट रहा है उन्हें गंदी गंदी मां बहन की गालियां दे रहा है
लेकिन अब संजय राऊत उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का मराठी प्रेम नहीं जाग रहा क्योंकि इन सब का मराठी प्रेम तभी जागता है जब सामने कोई उत्तर प्रदेश या बिहार का हिंदू हो