जिस दिन टीम इंग्लैण्ड भारत के विरुद्ध ये क्रिकेट शृंखला खेलने भारत-भूमि पर आई थी, उस दिन आसमानी हौसलों से भरपूर इन अंग्रेज खिलाड़ियों ने तय किया था कि भारत में टीम इण्डिया को शृंखला हरा कर दुनिया में दुनिया को क्रिकेट देने वाले देश के अभिमान को फिर से स्थापित करेंगे. लेकिन जो हुआ वो इसके बिलकुल विपरीत था. भारत ने इस क्रिकेट-कंट्री को शिकस्त दे कर बता दिया कि दुनिया में नंबर वन क्रिकेट तो टीम इण्डिया ही है और क्रिकेट इस देश की ही विरासत है.
ये था अंतिम दर्शनीय दृश्य
भारत के टॉप स्पिनर आर अश्विन ने लॉरेंस को क्लीन बोल्ड किया और इंग्लैंड की पारी के पैर उखड़ गए. भारत ने इंग्लैण्ड को 135 रनों पर समेट कर पारी और 25 रन से चौथा टेस्ट जीत लिया. इस जीत के साथ भारत ने 3-1 से सीरीज भी जीत ली थी. बात यहीं खत्म नहीं होती, इस जीत ने भारत को वर्ल्ड टेस्ट क्रिकेट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी पहुंचा दिया है और अब 18 से 22 जून को लॉर्ड्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलेगी टीम इण्डिया.
सुन्दर का सुंदरतम स्कोर
आज भारतीय टीम के ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने इंग्लैंड के खिलाफ इस चौथे और आखिरी टेस्ट में बिना आउट हुए 96 रनों की पारी खेली है. वाशिंगटन सुन्दर का टेस्ट क्रिकेट में यह सुंदरतम स्कोर है. 21 वर्ष के इस आलराउंडर ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और अपने पहली ही पारी में शानदार 62 रन बनाए जिनकी टीम को बहुत जरूरत थी.
शतक से चूके वाशिंगटन
बेन स्टोक्स ने भारत का दसवां विकेट लिया और सिराज को बोल्ड कर दिया. इसी के साथ भारत ने इंग्लैण्ड के खिलाफ अपनी प्रथम पारी को 365 रनों पर विराम दिया. इस पारी में भारत की दृष्टि से दुर्भाग्य ये रहा कि प्रतिभाशाली आलराउंडर वाशिंगटन सुंदर अपना पहला मेडन टेस्ट शतक जड़ने से चूक गए. सुंदर को 96 रन पर नॉटआउट रह कर पवेलियन में वापसी करनी पड़ी. इसके पहले अक्षर पटेल 43 रनों पर रनआउट हुए और अपने अर्धशतक से चूके. वे रुट की गेंद पर सुंदर द्वारा लिए गये सिंगल के लिए दौड़े और रन आउट हो कर पैवेलियन पहुँच गये.
दो विकेट ले के किया स्वागत मेहमानों का
आर अश्विन ने अंग्रेजों की दूसरी पारी का स्वागत शुरू में ही दो विकेट झटक कर किया जिसने अंग्रेज खेमे में घबरहाट भर दी. पांचवें ओवर की चौथी गेंद पर अश्विन ने क्राउली को रहाणे के हाथों कैच आउट करवा दिया. क्राउली के खाते में सिर्फ 5 रन आये थे. क्राउली को पवेलियन भेजने के बाद अश्विन ने अपनी अगली ही गेंद पर बेयरस्टो को भी रोहित के हाथों कैच आउट कर दिया. और तब अश्विन के पास हैट्रिक का मौका आया. और अगर बात करें बेयरस्टो की तो अपनी चार पारियों में तीसरी बार बेयरस्टो शून्य रन पर आउट हुए.
14 ओवर्स में ही मैच का निर्णय
अक्षर पटेल ने दसवें ओवर की अंतिम गेंद पर सिब्ली को पंत के हाथों में कैच देने को विवश कर दिया और अपने खाते में भारत के लिए तीसरी सफलता दर्ज करा दी. अक्षर ने इसके पहले बल्ले से अपना हुनर दिखाया और अब बॉल से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. सिब्ली का निजी स्कोर 3 रन ही था जब वे पैवेलियन की तरफ चल पड़े. बना सके. फिर अक्षर ने 14वें ओवर की प्रथम गेंद पर बेन स्टोक्स को अपना शिकार बनाया और लेग गली में कोहली के हाथों कैच आउट करा दिया. अंग्रेजों को दिन में तारे नजर आने लगे थे. स्टोक्स ने सिबली से एक रन कम बनाये और अपने कहते में 2 रन बना कर मैदान छोड़ दिया. और अब चौदह ओवर्स आते आते टीम इण्डिया ने लगभग मैच का निर्णय कर दिया था.
पच्चीस और छब्बीस ओवर्स भारी पड़े
पच्चीसवें ओवर में फिर अक्षर ने धमाल किया और अपनी पांचवीं गेंद पर पोप को स्टंप आउट करा दिया. ये पटेल के हाथों भारत को मिली पांचवीं सफलता थी. पोप ने बड़ी मेहनत करके कुल 15 रन बनाये और पैवेलियनवासी हो गये. इसके बाद 26वें ओवर में अश्विन ने इंग्लैण्ड से आये सबसे बड़े अंग्रेज का क्रीड़ा-वध कर दिया और अपनी गेंद पर रूट को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. इंग्लैंड के 65 रन पर 6 विकेट गंवा कर अग्रेजों की आशायें धराशायी हो चुकी थीं. यद्यपि रूट ने रिव्यू माँगा था किन्तु रिव्यू से साफ हो गया कि उनका बल्ला गेंद को छू नहीं पाया था और इस रूट की लाइन 30रन बनाकर बंद हो गई.
बाकी काम टी ब्रेक के बाद हो गया
अंग्रेजों ने टी ब्रेक तक छह विकेट की क्षति पर कुल 91 रन जोड़ लिए थे. लोरेंस के नाम 19 रन और बेन फोक्स के खाते में छह रन जुड़े थे. किन्तु ये लोग भी अधिक तीरंदाजी नहीं कर पाए और द्वितीय सेशन भी पूरी तरह से भारत के नाम लिखा गया. आर अश्विन और अक्षर पटेल ने आपस में तीन-तीन अंग्रेजों के विकेट बाँट लिए थे.
पहले पटेल बने पंच
इसके बाद दूसरे सेशन में हीअश्विन से पहले पटेल पांच विकेट लेकर टीम इण्डिया के पंच बन गये. डॉम बेस को पंत के हाथों कैच आउट करवा कर उन्होंने इंग्लैंड को 8वां घाव दे दिया. अब दो विकेट और बचे थे उसके बाद बनने वाला था इतिहास. ये देख कर अश्विन को भी जोश आ गया और उन्होंने भी जैक लीच को रहाणे के हाथों कैच आउट करवाकर इंग्लैंड को 9वां घाव दिया. लीच के खाते में 2 रन ही आये थे.
लक्ष्मणरेखा पार न हो पाई
भारत के द्वारा दी गई मात्र 88 रनों की लीड वाली लक्ष्मण-रेखा भारी पड़ गई इंग्लैण्ड को जो आखिरकार पार नहीं हो पाई. स्पिन के जादूगर अश्विन ने आखिरी अंग्रेज को भी घर का रास्ता दिखा दिया और एंडरसन को आउट क्रिकेट के ऐतिहासिक पटल पर भारत के नाम ऐतिहासिक जीत अंकित कर दी.
प्लेयर ऑफ़ दी मैच & सीरीज़
जैसी उम्मीद थी वही हुआ, रविचंद्रन अश्विन प्लेयर ऑफ़ दी मैच बने और प्लेयर ऑफ़ दी मैच बने ऋषभ पंत. एक ने गेंद से जौहर दिखाया और दूसरे ने बल्ले से धूम मचाई. अंग्रेजी साइड से जो रुट की डबल सेंचुरी एक मात्र आकर्षण रहा जिसने अंग्रेजों की उम्मीद बहुत बढ़ा दी थी लेकिन जो रुट आगे कोई कमाल नहीं कर सके और अंग्रेजी टीम धड़ाम हो गई.